Saturday, December 6

उपशीर्षक : बॉर्डर बंद, व्यापार ठप… फल–सब्जियों की महंगाई से लेकर उद्योगों की सांसें उखड़ीं

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्तों में जारी तनाव अब सीधे-सीधे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ने लगा है। अक्टूबर में सीमा पर हुई गोलीबारी के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार पूरी तरह बंद है। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि इस बंदी से अफगानिस्तान पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा, लेकिन नतीजा उलटा निकला। तालिबान सरकार ने भारत, ईरान, तुर्की और मध्य एशिया के देशों से नए व्यापारिक रास्ते खोलकर अपने बाजार को स्थिर रखा, जबकि पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट में फंस गया।

पाकिस्तान में फल–सब्जियां दोगुनी कीमत पर

अफगानिस्तान से रोजाना आने वाले फल और सब्जियों की आपूर्ति रुकने से पाकिस्तान में कई जरूरी चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं। कुछ शहरों में टमाटर 500 रुपए किलो तक पहुंच गया है। आम जनता महंगाई की इस मार से बेहाल है।

उद्योग ठप, उत्पादन में भारी गिरावट

ट्रेड रुकने का सबसे बड़ा असर पाकिस्तान की मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट इंडस्ट्री पर पड़ा है।

  • सीमेंट उद्योग को अफगान कोयले पर निर्भरता के कारण उत्पादन रोकना पड़ा है।
  • दवा उद्योग ने बड़ा झटका झेला है। पाकिस्तान हर साल लगभग 187 मिलियन डॉलर की दवाएं अफगानिस्तान को निर्यात करता है, जो अब बंद है।
  • खेती और पोल्ट्री सेक्टर में भी उत्पादन लागत और कीमतों का संतुलन बिगड़ गया है।

एक वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार के अनुसार, अफगानिस्तान के साथ “ट्रेड वॉर” ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में शॉर्टेज, महंगाई और प्रोडक्शन रुकावटें पैदा कर दी हैं।

छोटे व्यापारी और मजदूर मुश्किल में

सीमा बंद होने से खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में छोटे व्यापारी, ट्रांसपोर्टर और मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। क्रॉस-बॉर्डर ट्रेड पर निर्भर हजारों परिवार बेरोजगार हो चुके हैं। परिवहन से लेकर लोडिंग–अनलोडिंग तक की पूरी चेन ठप हो गई है।

अफगानिस्तान ने बनाए नए रास्ते

दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल अफगानिस्तान, जहां प्रति व्यक्ति आय मात्र 434 डॉलर है, फिर भी तालिबान सरकार ने तेजी दिखाते हुए नए व्यापारिक साझेदार बना लिए।

  • भारत, ईरान, तुर्की और मध्य एशिया के साथ व्यापार बढ़ाया गया है।
  • इससे अफगान बाजार पर कोई खास असर नहीं पड़ा।
  • पाकिस्तान के विपरीत अफगानिस्तान ने आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर बनाए रखा।

पाकिस्तान में बढ़ती मांग : ट्रेड रूट तुरंत खोला जाए

पाकिस्तानी व्यापारी संगठन और उद्योग जगत सरकार से मांग कर रहे हैं कि अफगानिस्तान के साथ व्यापार तुरंत बहाल किया जाए। राजस्व, कस्टम ड्यूटी और ट्रांजिट टैक्स का भारी नुकसान पहले ही पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ा चुका है।

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