एटॉमिक एनर्जी बिल: परमाणु क्षेत्र में निजी कंपनियों की एंट्री, क्या बदलेगा और क्या होगा फायदा?
नई दिल्ली: मोदी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में जिस एटॉमिक एनर्जी बिल 2025 को पेश करने जा रही है, उसने राजनीतिक और औद्योगिक दोनों ही हलकों में उत्सुकता बढ़ा दी है। यह बिल पहली बार निजी कंपनियों को असैन्य (सिविल) परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने की अनुमति देने का रास्ता खोल सकता है। माना जा रहा है कि यह कदम भारत की ऊर्जा क्षमता और तकनीकी आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाई देगा।
PM मोदी का बड़ा ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा कि सरकार न्यूक्लियर सेक्टर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोलने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। उनके अनुसार—
निजी भागीदारी से छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर,
एडवांस्ड न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी,
और नवाचार (इनोवेशन)को बढ़ावा मिलेगा।
भारत का लक्ष्य 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन करने का है, और नया विधेयक इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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