Saturday, December 6

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शख्स ने दिखाई दादाजी की 1996 वाली SBI पासबुक, डिजाइन और पेंशन-सेविंग ने लोगों के होश उड़ा दिए
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शख्स ने दिखाई दादाजी की 1996 वाली SBI पासबुक, डिजाइन और पेंशन-सेविंग ने लोगों के होश उड़ा दिए

नई दिल्ली (प्रखर पाण्डेय)। इंटरनेट पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स अपने दादाजी की 1996 की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) पासबुक दिखा रहा है। इस वीडियो में न केवल पासबुक का डिजाइन और लुक दिखाया गया है, बल्कि उस समय की दादाजी की पेंशन और सेविंग भी लोगों के लिए चौंकाने वाला है। 1996 की पासबुक की खासियत:वीडियो में शख्स दादाजी की फोटो, पासबुक का पुराना डिजाइन और पेज पर दर्ज व्यक्तिगत जानकारी दिखाता है। पासबुक में उस समय दादाजी की मासिक पेंशन 5 हजार रुपये थी, जबकि उनकी सेविंग 25 हजार रुपये तक पहुँच चुकी थी। वीडियो के अंत में निरंतर पेंशन और नकद प्रमाण पत्र जैसे टर्म भी दिखाए गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल:इंस्टाग्राम यूजर @igovinnd ने यह वीडियो पोस्ट किया, जो अब तक 3.45 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है और 6 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं। वीडियो पर 100 से ज्यादा ...
ऑस्ट्रेलियाई व्लॉगर को बस स्टैंड छोड़ते समय ऑटो वाले अंकल का दिल छू लेने वाला अंदाज, जीवन पर कही गहरी बात
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ऑस्ट्रेलियाई व्लॉगर को बस स्टैंड छोड़ते समय ऑटो वाले अंकल का दिल छू लेने वाला अंदाज, जीवन पर कही गहरी बात

प्रखर पांडे, नवभारत टाइम्स: भारत घूमने आए एक ऑस्ट्रेलियाई व्लॉगर की बस पकड़ने के दौरान हुई एक छोटी सी मुलाकात सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह मुलाकात उस ऑटो चालक अंकल से हुई, जिसने अपनी सहज और दिल को छू लेने वाली बातों से विदेशी पर्यटक का मन मोह लिया। ऑस्ट्रेलिया कनेक्शन बताते ही विदेशी हुआ चौंक व्लॉगर बस स्टैंड तक जाने के लिए ऑटो लेता है। रास्ते में जब उसकी बातचीत ऑटो वाले अंकल से होती है, तो वह चौंक जाता है। अंकल उसे पहचान लेते हैं कि वह ऑस्ट्रेलियाई है। इसके साथ ही अंकल उसे बताते हैं कि वे पहले मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया में शेफ के रूप में काम कर चुके हैं। जीवन सिर्फ पैसा नहीं है बातचीत में व्लॉगर ने पूछा कि क्या अंकल ने कभी कोई बिजनेस किया। इस पर अंकल ने सरलता से कहा,"मैं कोई बिजनेस नहीं करता, मैं आम आदमी हूं। पैसा जीवन जीने के लिए जरूरी है, लेकिन जीवन सिर्फ पैसा नहीं है।" ...
वंदे भारत स्लीपर: 180 किमी/घंटा रफ्तार में भी पानी के गिलास रहे स्थिर
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वंदे भारत स्लीपर: 180 किमी/घंटा रफ्तार में भी पानी के गिलास रहे स्थिर

नई दिल्ली: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की ट्रायल रनिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस बार ट्रेन के पैसेंजर कोच में विंडो सीट पर तीन गिलास पानी रखकर टेस्ट किया गया, जिसमें 180 किमी/घंटा की रफ्तार के बावजूद पानी का एक भी बूंद नहीं छलका। टेस्टिंग का तरीका:BEML और ICF के तकनीकी सहयोग से विकसित वंदे भारत स्लीपर कोच में ट्रेन की स्पीड और Stability की जांच की गई। टेस्ट में गिलासों को एक-दूसरे के ऊपर भी रखा गया, फिर भी वे पूरी तरह स्थिर नजर आए। वीडियो में देखा जा सकता है कि लगभग 47 सेकंड तक यह परीक्षण चलता है और पानी बिल्कुल नहीं हिलता। सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ:@gemsofbabus_ नाम के यूजर ने वीडियो पोस्ट करते हुए बताया कि ट्रेन ने 180 किमी/घंटा की गति पकड़ी और पानी के तीनों गिलास स्थिर रहे। यह वीडियो ढाई लाख के करीब व्यूज और साढ़े 8 हजार लाइक्स के साथ 300 से ज्यादा कमेंट्स पा चुका...