Saturday, December 6

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राजनीतिक खींचतान के बीच भी दोस्ती निभाने दिल्ली पहुंचे डीके शिवकुमार पूर्व IAS अधिकारी के बेटे की शादी में हुई खास मौजूदगी, जानिए क्या है ‘तिहाड़ कनेक्शन’
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राजनीतिक खींचतान के बीच भी दोस्ती निभाने दिल्ली पहुंचे डीके शिवकुमार पूर्व IAS अधिकारी के बेटे की शादी में हुई खास मौजूदगी, जानिए क्या है ‘तिहाड़ कनेक्शन’

बेंगलुरु/दिल्ली: कर्नाटक की राजनीति में चल रही खींचतान और नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने अपने ‘दोस्ती निभाने’ वाले अंदाज़ से एक बार फिर मिसाल पेश की है।राजनीतिक बैठकों और सियासी गर्माहट के माहौल के बावजूद डीके शिवकुमार बुधवार को दिल्ली में पूर्व IAS अधिकारी संजीव कुमार के बेटे की शादी में शामिल होने पहुंचे। उनके दिल्ली पहुंचते ही सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई, लेकिन उन्होंने खुद साफ कहा—“यह दौरा राजनीतिक नहीं, मेरे दोस्त के परिवार का निजी कार्यक्रम है।” राजनीति से ऊपर दोस्ती—यही हैं डीके शिवकुमार कर्नाटक में ब्रेकफास्ट मीटिंग और राजनीतिक कयासों के बीच अचानक दिल्ली रवाना होने की खबर ने तापमान बढ़ा दिया था।मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से जब पूछा गया क्या वे भी दिल्ली जा रहे हैं, तो उन्होंने कहा—“मुझे कोई निमंत्रण नहीं मिला। आएगा तो देखूंगा।”...
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की 43 लाख की घड़ी पर बीजेपी का तीखा तंज
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सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की 43 लाख की घड़ी पर बीजेपी का तीखा तंज

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार फिर से महंगी घड़ियों को लेकर विवादों में घिर गए हैं। सीएम पद को लेकर हुई खींचतान के बाद दोनों नेताओं की एक नाश्ते की बैठक में वे ‘सैंटोस डी कार्टियर’ की 43 लाख रुपये की घड़ी पहने नजर आए। इस पर बीजेपी ने सोशल मीडिया पर निशाना साधते हुए सवाल उठाए हैं कि क्या यह समाजवादी नेता की छवि के अनुरूप है। कर्नाटक बीजेपी ने लिखा, “मिस्टर सिद्धारमैया, आपकी समाजवाद की परिभाषा बहुत महंगी लगती है। जब कर्नाटक के लोग सूखे और खराब इंफ्रास्ट्रक्चर से जूझ रहे हैं, तब हमारे ‘साधारण समाजवादी’ सीएम सैंटोस डी कार्टियर का दिखावा कर रहे हैं।” बीजेपी ने लगभग छह साल पहले हुए एक ऐसे ही विवाद को भी याद दिलाया, जब सिद्धारमैया 70 लाख रुपये की हबलोट घड़ी पहने दिखे थे। उस समय विपक्ष ने मामले की जांच की मांग की थी और विधानसभा में भी इसे उठाया गय...
इडली-सांभर से भी नहीं पिघली बर्फ! 8 दिसंबर को दिल्ली जाएंगे सिद्धारमैया–डीके शिवकुमार, ‘मतभेद खत्म’ का नया संदेश
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इडली-सांभर से भी नहीं पिघली बर्फ! 8 दिसंबर को दिल्ली जाएंगे सिद्धारमैया–डीके शिवकुमार, ‘मतभेद खत्म’ का नया संदेश

बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच चल रही खींचतान को खत्म करने की कोशिशें जारी हैं। इसी क्रम में दोनों नेता मंगलवार सुबह बेंगलुरु में नाश्ते पर मिले। नाश्ते में इडली-सांभर और नाटी चिकन जैसे पारंपरिक व्यंजन परोसे गए, लेकिन राजनीतिक तकरार की बर्फ पूरी तरह पिघली या नहीं—यह सवाल अब भी कायम है।हालाँकि मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शिवकुमार को अपना “भाई” बताते हुए कहा कि दोनों के बीच किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है। 8 दिसंबर को दोनों नेताओं की दिल्ली यात्रा तय? सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि पार्टी विधायकों के बीच असहमति जैसी कोई स्थिति नहीं है, सभी केवल अपनी राय रखते हैं। दोनों नेताओं की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब कांग्रेस के कई विधायक सार्वजनिक रूप से कभी सिद्धारमैया तो कभी शिवकुमार का समर्थन करते दिखे थे। सूत्रों के अनु...
कर्नाटक में ‘ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स’: सिद्धारमैया-डीके शिवकुमार ने नाश्ते पर की बैठक
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कर्नाटक में ‘ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स’: सिद्धारमैया-डीके शिवकुमार ने नाश्ते पर की बैठक

बेंगलुरु। कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर सत्तासंघर्ष के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने नाश्ते पर मुलाकात की। यह बैठक दोनों नेताओं के बीच दूसरी बार हुई। पहली मुलाकात में इडली-सांभर और उपमा परोसने के बाद, इस बार डीके शिवकुमार ने सिद्धारमैया के लिए पारंपरिक नाटी चिकन और इडली की गरमागरम प्लेटें परोसी। बैठक का मकसद और चर्चाडीके शिवकुमार ने बैठक के बाद बताया कि दोनों नेताओं ने राज्य में सुशासन बनाए रखने और विकास कार्यों को निरंतर जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। बैठक के दौरान कांग्रेस के विजन और कर्नाटक की प्राथमिकताओं पर गहन चर्चा हुई। कांग्रेस में सत्ता संघर्ष2023 के सत्ता-साझाकरण समझौते के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर आंतरिक असहमति बनी हुई है। डीके शिवकुमार के समर्थक पार्टी नेतृत्व से मांग कर रहे हैं कि उन्हें शेष ढाई वर्षों के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाए। इ...
करोड़ों की जमीन का विवाद: चार ‘राधा’ और 39 साल पुराना रहस्य
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करोड़ों की जमीन का विवाद: चार ‘राधा’ और 39 साल पुराना रहस्य

बेंगलुरु: बेंगलुरु के होसकोटे के पास बंदपुरा गांव में स्थित 12 एकड़ की जमीन अब विवाद का केंद्र बन गई है। इस संपत्ति के चार दावेदार हैं – और इनमें सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि सभी का नाम राधा है। सभी का दावा है कि वे इस जमीन की असली मालकिन एस. कृष्णन की पत्नी राधा हैं। एस. कृष्णन की 1986 में मृत्यु हो गई थी और उनके निधन के बाद उनकी पत्नी राधा को जमीन की वैध मालकिन माना गया। लेकिन अब 20 करोड़ रुपए कीमत वाली इस संपत्ति पर कब्जा जताने के लिए चार महिलाओं ने अलग-अलग दावे ठोंक दिए हैं। पहली ‘राधा’ अब नहीं सबसे पहला मामला 2023 में उजागर हुआ। राधा के बच्चों ने जमीन को रियल एस्टेट फर्म को बेच दिया था। लेकिन जांच में सामने आया कि जिस राधा के नाम पर गिफ्ट डीड बनाई गई, वह डीड बनने से पहले ही देहांत हो चुकी थी। इस मामले में रियल एस्टेट एग्जीक्यूटिव अश्विन संचेती को गिरफ्तार किया गया, जिसे ...
बिहार चुनाव 2025: आधी आबादी को नहीं मिला एक चौथाई प्रतिनिधित्व, विधानसभा में कितनी हैं महिला विधायक?
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बिहार चुनाव 2025: आधी आबादी को नहीं मिला एक चौथाई प्रतिनिधित्व, विधानसभा में कितनी हैं महिला विधायक?

पटना, 1 दिसंबर। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आधी आबादी ने एनडीए को भारी बहुमत दिलाने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन खुद के लिए प्रतिनिधित्व का दायरा बढ़ाने में वे नाकाम रहीं। न तो चुनावी मैदान में महिलाओं की पर्याप्त भागीदारी दिखी और न ही जीत में उनका अनुपात बढ़ पाया। कुल महिला उम्मीदवारों और विजयी विधायकों का आंकड़ा अभी भी पुरुषों की तुलना में बेहद कम है। उम्मीदवारी में बड़ी असमानता इस चुनाव में जहां 2,357 पुरुष मैदान में थे, वहीं केवल 258 महिलाएं चुनाव लड़ रही थीं। प्रमुख दलों में सबसे अधिक महिला उम्मीदवार उतारने का दावा राजद ने किया। तेजस्वी यादव ने 23 महिलाओं को टिकट दिया। कांग्रेस ने 6, वीआईपी और वामदलों ने कुल 2 महिलाओं को उतारा। एनडीए में किसने दिया कितना टिकट? एनडीए में बीजेपी और जेडीयू ने समान रूप से 13-13 महिलाओं को टिकट देकर आधी आबादी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने का प्रयास क...
इडली-सांभर के बीच भाजपा पर बरसे शिवकुमार-सिद्धारमैया, राजनीतिक गलियारों में हलचल
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इडली-सांभर के बीच भाजपा पर बरसे शिवकुमार-सिद्धारमैया, राजनीतिक गलियारों में हलचल

बेंगलुरु: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे नेतृत्व संकट के बीच शनिवार को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आधिकारिक आवास कावेरी में नाश्ते की बैठक की। इस हाई-प्रोफाइल बैठक में दोनों नेताओं ने मिलकर इडली-सांभर का नाश्ता किया और आपसी मतभेदों को सुलझाने पर चर्चा की। सिद्धारमैया का बयान:नाश्ते के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा और जेडीएस पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा और जेडीएस को झूठे आरोप लगाने की आदत है। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही है, लेकिन उनके पास केवल 60 और 18 विधायक हैं। हमारे पास 140 विधायक हैं। यह केवल निरर्थक कवायद है और हम उनके झूठे आरोपों का सामना करेंगे।” डीके शिवकुमार का रुख:उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बैठक से पहले मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं बाद में बात करूंगा, फिलहाल मुख्यमंत्री सिद्धा...
कर्नाटक में शीतकालीन सत्र में पेश होगा रोहित वेमुला बिल, कॉलेजों में जाति-आधारित भेदभाव पर लगेगा अंकुश
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कर्नाटक में शीतकालीन सत्र में पेश होगा रोहित वेमुला बिल, कॉलेजों में जाति-आधारित भेदभाव पर लगेगा अंकुश

बेंगलुरु: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार 8 दिसंबर से बेलगावी में शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में रोहित वेमुला (बहिष्कार या अन्याय निवारण) विधेयक, 2025 पेश करने जा रही है। यह विधेयक हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित पीएचडी छात्र रोहित वेमुला की याद में लाया जा रहा है, जिन्होंने लगभग एक दशक पहले उत्पीड़न और मानसिक दबाव के चलते आत्महत्या कर ली थी। बिल का उद्देश्य:इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य राज्य के सरकारी और निजी कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों में जाति-आधारित भेदभाव और उत्पीड़न को रोकना है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दबाव के बाद सरकार ने इस कदम को तेज किया है। किस तरह काम करेगा कानून:मसौदे के अनुसार, किसी भी छात्र, शिक्षक या गैर-शिक्षण कर्मचारी को अगर जातिगत उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, तो वह नई समता समिति में शिकायत दर्ज करा सकता है। ज़रूरत पड़ने पर मामला जिला या हाई कोर्ट तक भी ल...
कर्नाटक में सत्ता की रस्साकशी: सीएम की कुर्सी किसके पास जाएगी? सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार — जानिए कांग्रेस के पास अभी कितने विधायक
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कर्नाटक में सत्ता की रस्साकशी: सीएम की कुर्सी किसके पास जाएगी? सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार — जानिए कांग्रेस के पास अभी कितने विधायक

बेंगलुरु। कर्नाटक में सत्ता के शीर्ष पद को लेकर कांग्रेस के भीतर चल रहा संघर्ष अब चरम पर पहुंच चुका है। 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद बने ढाई-ढाई साल वाले फॉर्मूले के अनुसार अब मुख्यमंत्री पद डीके शिवकुमार को सौंपने की चर्चा जोर पकड़ रही है। वहीं वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया साफ शब्दों में कह चुके हैं कि जनता ने उन्हें पूरे पांच साल का जनादेश दिया है। दोनों गुटों के समर्थक विधायकों की बयानबाजी से माहौल और गर्म हो गया है। ■ कांग्रेस के पास कितने विधायक हैं? 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में 135 सीटें जीती थीं।बाद के उपचुनावों में दो और सीटें जीतने के बाद कांग्रेस की कुल संख्या 137 विधायक हो गई।यानी सत्ता का गणित फिलहाल कांग्रेस के पक्ष में है और मुख्यमंत्री पद को लेकर अंतिम फैसला विधायक दल और हाईकमान—दोनों पर निर्भर करता है। दूसरी तरफ बीजेपी...
कर्नाटक में सीएम कुर्सी की जंग में मठों की एंट्री, बढ़ा जातिगत तनाव कांग्रेस का अंदरूनी विवाद अब सार्वजनिक संघर्ष में तब्दील
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कर्नाटक में सीएम कुर्सी की जंग में मठों की एंट्री, बढ़ा जातिगत तनाव कांग्रेस का अंदरूनी विवाद अब सार्वजनिक संघर्ष में तब्दील

बेंगलुरु। कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री बदलने की उठी सरगर्मी अब जातिगत टकराव के नए दौर में प्रवेश करती दिखाई दे रही है। उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच पावर ट्रांसफर को लेकर चल रही मौन खींचतान में अब अलग-अलग मठों के प्रमुख खुले मैदान में उतर आए हैं। धार्मिक गुरुओं की इस हस्तक्षेप ने राजनीतिक मुद्दे को सीधा जातिगत पहचान और समुदाय आधारित समर्थन की दिशाओं में मोड़ दिया है। ■ वोक्कालिगा मठ का खुला समर्थन—‘डीके शिवकुमार को सीएम बनना चाहिए’ हसन जिले में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में वोक्कालिगा महासंस्थान के प्रमुख श्री निर्मलानंदनाथ स्वामीजी ने साफ शब्दों में कहा कि डी.के. शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि वोक्कालिगा समुदाय ने राज्य को कई बड़े नेता दिए हैं और डीकेएस की मेहनत व संगठनात्मक क्षमता को देखते हुए उन्हें कार्यकाल के बचे...