Saturday, December 6

मुंबई बीएमसी चुनाव: क्या बांद्रा पूर्व में बीजेपी तोड़ पाएगी उद्धव का किला? 2017 से अब तक ठाकरे गुट का दबदबा

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण का प्रचार अंतिम दौर में पहुंच चुका है। ऐसे में मुंबई बीएमसी चुनाव विशेष रूप से सुर्खियों में हैं। खासकर बांद्रा पूर्व विधानसभा क्षेत्र का महत्व और बढ़ गया है, जहां 2017 से अब तक उद्धव ठाकरे गुट का मजबूत प्रभाव बना हुआ है। सवाल यह है कि क्या इस बार बीजेपी इस गढ़ को चुनौती दे पाएगी?

2017 में ठाकरे गुट का दबदबा

मुस्लिम बहुल आबादी वाले बांद्रा पूर्व विधानसभा क्षेत्र में आने वाले 6 वार्डों में 2017 के बीएमसी चुनाव में

  • 6 में से 5 सीटें शिवसेना (उद्धव गुट) ने जीतीं
  • 1 सीट एमआईएम के खाते में गई

बीजेपी को इन वार्डों में दूसरे नंबर पर रहने के बावजूद सफलता नहीं मिली। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यूबीटी (उद्धव गुट) और एमआईएम को जनसंख्या अनुपात के आधार पर इस बार भी फायदा मिलने की संभावना है।

2017 के बीएमसी चुनाव—वार्ड-वाइज नतीजे

वार्डविजेता पार्टीवोटदूसरे स्थान परवोट
87यूबीटी7250बीजेपी7216
92एमआईएम4882शिवसेना3538
93कांग्रेस9986कांग्रेस (अन्य प्रत्याशी)2748
94यूबीटी8617मनसे6942
95यूबीटी6426बीजेपी5529
96यूबीटी4052कांग्रेस3681

कई वार्डों में मुकाबला बेहद करीबी रहा, लेकिन अंतिम जीत ठाकरे गुट के हिस्से में आई।

बीजेपी के लिए समीकरण कठिन, पर मौका भी

2024 विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाडी (एमवीए) का वोट अंतर बीजेपी से कम था। लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं

  • कांग्रेस ने बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है।
  • इससे एमवीए के वोट में बंटवारा होने की आशंका है।
  • उधर, यदि उद्धव गुट मनसे से तालमेल करता है, तो वोट ट्रांसफर की चुनौती भी खड़ी हो सकती है।

बीजेपी की जीत काफी हद तक उत्तर भारतीय, हिंदी भाषी और मराठी वोटरों पर निर्भर करेगी।

मुस्लिम वोटों पर कांग्रेस और एमआईएम की निगाह

बांद्रा पूर्व में लगभग 95 हजार मुस्लिम वोटर हैं। कांग्रेस के अलग लड़ने से मुस्लिम वोटों के तीन हिस्सों में बंटने की संभावना बनी हुई है

  • कांग्रेस
  • एमआईएम
  • यूबीटी

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह परिस्थितियाँ बीजेपी के लिए रणनीतिक अवसर पैदा कर सकती हैं।

2017 वोटर्स डेटा

  • वार्ड 87: 43,567 मतदाता
  • वार्ड 92: 32,860
  • वार्ड 93: 36,783
  • वार्ड 94: 51,236
  • वार्ड 95: 33,904
  • वार्ड 96: 35,420

इनमें से 27,000 से अधिक वोट मुस्लिम वर्ग के हैं, जबकि करीब 1.10 लाख मराठी और 32,000 उत्तर भारतीय वोट निर्णायक माने जाते हैं।

आरक्षण बदलने से भी बदला खेल

इस बार बांद्रा पूर्व के छह प्रभागों में

  • 94 और 96—जनरल लेडीज़
  • दो वार्ड—ओबीसी आरक्षित
  • एक—एससी आरक्षित
  • एक—जनरल

इससे कई दलों की रणनीतियाँ बदल गई हैं, खासकर जिन्हें महिला उम्मीदवारों और आरक्षित वर्ग में समीकरण साधने हैं।

जनवरी में चुनाव की संभावना

चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर आपत्तियों की अंतिम तिथि 3 दिसंबर तय की है।
इसी के आधार पर दिसंबर के आखिर तक चुनाव प्रक्रिया घोषित होने और जनवरी में बीएमसी चुनाव होने की उम्मीद है।

नतीजे क्या संदेश देंगे?

बांद्रा पूर्व केवल एक क्षेत्र नहीं, बल्कि मुंबई की राजनीति का मूड इंडिकेटर माना जाता है।
अगर बीजेपी यहां सेंध लगाती है तो इसका प्रभाव पूरे मुंबई बीएमसी चुनाव पर पड़ेगा।
लेकिन अगर ठाकरे गुट फिर से मजबूत प्रदर्शन करता है, तो यह उनके लिए मौजूदा राजनीतिक संघर्ष में बड़ी जीत होगी।

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