
बारां: अंता विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बावजूद कांग्रेस संगठन में हलचल बढ़ गई है। पार्टी ने जिन 17 नेताओं को चुनावी ड्यूटी सौंपी थी, उनके फील्ड में न पहुंचने पर हाई कमान सख्त हो गया है। जल्द ही इन नेताओं को तलब कर बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
ड्यूटी के बावजूद नेता मैदान से गायब
सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने स्टार प्रचारक और ब्लॉक स्तर के 17 नेताओं की तैनाती की थी, लेकिन ये सभी पूरे चुनाव अभियान में एक बार भी फील्ड में दिखाई नहीं दिए।
जानकारी के मुताबिक—
- कुछ नेताओं को पद से हटाया जा सकता है
- कुछ की जिम्मेदारियों में बदलाव होगा
- पीसीसी स्तर पर भी फेरबदल की संभावना जताई जा रही है
पार्टी इसे अनुशासनहीनता और संगठनात्मक लापरवाही का गंभीर मामला मान रही है।
यूथ कांग्रेस में भी बढ़ा विवाद, 18 जिलाध्यक्षों को नोटिस
उधर, यूथ कांग्रेस में भी आंतरिक खींचतान तेज हो गई है। जयपुर में हुए प्रदर्शन के लिए सभी जिलाध्यक्षों को बुलाया गया था, लेकिन 18 जिलाध्यक्ष अनुपस्थित रहे।
इस प्रदर्शन का उद्देश्य था—
- मतदाता सूची पुनरीक्षण की खामियों पर विरोध
- केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ आवाज उठाना
कम संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति से संगठन में असंतोष फैल गया। इसी के बाद प्रदेश प्रभारी विकास चिकारा ने सभी 18 जिलाध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।
राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने न जुटा सके भीड़
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभानु चिब की मौजूदगी में भी अपेक्षित संख्या बल नहीं जुट पाया, जिससे शीर्ष नेतृत्व नाराज़ है।
अब अनुशासनात्मक कार्रवाई तेज होने के संकेत हैं और कई पदाधिकारियों की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है।
निष्कर्ष
अंता उपचुनाव की जीत कांग्रेस के लिए राहत तो लेकर आई, लेकिन मैदान से गायब नेताओं और कमजोर संगठनात्मक उपस्थिति ने पार्टी के भीतर असंतोष को और गहरा कर दिया है। आने वाले दिनों में बड़े फैसले होने तय माने जा रहे हैं, जिनका असर संगठनात्मक ढांचे पर साफ दिखाई देगा।