
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश में इस बार सर्दी अपने चरम पर रहने वाली है। मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि राज्य में ठिठुरन सामान्य से अधिक होगी और इसका प्रभाव जनवरी की शुरुआत से ही महसूस होने लगेगा। पिछली सर्दियों की तुलना में इस बार ठंड जल्दी दस्तक दे चुकी है और ज्यादा समय तक बनी रहने की संभावना है।
ला नीना के कारण बढ़ेगी शीतलहर
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के भूगोल विभाग के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर अतीक अहमद के अनुसार, हर 4–5 वर्ष में होने वाली ला नीना की घटना इस बार भी सक्रिय हो रही है।
उन्होंने बताया—
- पृथ्वी के पूर्व से पश्चिम की ओर हवाओं की तीव्रता बढ़ती है
- समुद्र के पानी में ऑसिलेशन से कूलिंग इफेक्ट बनता है
- मैदानी और उत्तरी क्षेत्रों में सर्दी अधिक पड़ती है
पिछली बार ला नीना का प्रभाव वर्ष 2021 में देखा गया था। मौजूदा आंकड़े संकेत दे रहे हैं कि इस वर्ष शीतलहर और पाला अधिक तेज हो सकता है।
जनजीवन पर पड़ेगा असर
विशेषज्ञों का मानना है कि कड़ाके की ठंड का प्रभाव—
- लोगों के स्वास्थ्य
- दैनिक दिनचर्या
- बाहरी गतिविधियों
पर स्पष्ट दिखाई देगा। ठंड के कारण बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।