Saturday, December 6

29 पुराने कानून खत्म, अब पूरे देश में लागू हुए सिर्फ 4 लेबर कोड; नौकरी पेशा लोगों के लिए बदले 20 बड़े नियम

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को श्रम सुधारों से जुड़ा ऐतिहासिक फैसला लेते हुए देशभर में चार नए लेबर कोड्स लागू करने की घोषणा की है। ये कोड अब तक लागू 29 अलग-अलग श्रम कानूनों की जगह लेंगे। सरकार का दावा है कि नए नियमों से मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा मजबूत होगी और कंपनियों के लिए पालन प्रक्रिया अधिक सरल और पारदर्शी बन सकेगी। यह फैसला उन राज्यों में एनडीए को मिली हालिया चुनावी सफलता के बाद आया है।

ग्रेच्युटी, वेतन और सामाजिक सुरक्षा में बड़ा बदलाव

नए प्रावधानों के तहत एक वर्ष की निश्चित अवधि की नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भी अब ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। PF, ESIC और बीमा जैसी सुविधाएँ अब सभी श्रमिकों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
इसके साथ ही 40 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों के लिए कई क्षेत्रों में वार्षिक स्वास्थ्य जांच अनिवार्य की गई है।

नए लेबर कोड्स क्या बदलेंगे—20 अहम पॉइंट्स

  1. पूरे देश में न्यूनतम मजदूरी लागू, असंगठित क्षेत्र भी शामिल।
  2. सरकार ‘स्टैच्यूटरी फ्लोर वेज’ तय करेगी, राज्यों को इससे ऊपर ही न्यूनतम मजदूरी रखनी होगी।
  3. वेतन में बेसिक पे का हिस्सा कम से कम 50% अनिवार्य।
  4. महिला-पुरुष को समान काम के लिए समान वेतन की गारंटी।
  5. 24,000 रुपये तक कमाने वाले सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन की सुनिश्चितता।
  6. ओवरटाइम पर सामान्य मजदूरी से दोगुना भुगतान
  7. छंटनी व बंद करने की मंजूरी सीमा 100 से बढ़ाकर 300 कर्मचारी
  8. सर्विस सेक्टर में वर्क-फ्रॉम-होम को औपचारिक मान्यता।
  9. श्रम विवादों के निपटारे के लिए दो-सदस्यीय ट्रिब्यूनल
  10. हड़ताल से पहले कम से कम 14 दिन का नोटिस अनिवार्य।
  11. गिग व प्लेटफॉर्म वर्कर्स (जैसे डिलीवरी व कैब चालक) को सामाजिक सुरक्षा का लाभ।
  12. फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को बिना 5 साल पूरा किए प्रो-राटा ग्रेच्युटी
  13. इंस्पेक्टर की जगह अब इंस्पेक्टर-कम-फैसिलिटेटर—रैंडम डिजिटल निरीक्षण।
  14. छोटे-मोटे उल्लंघनों के लिए कोर्ट की जगह कंपाउंडिंग से निपटारा।
  15. सभी लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और रिटर्न अब पूरी तरह ऑनलाइन
  16. वन लाइसेंस, वन रजिस्ट्रेशन—अलग-अलग अनुमतियों की जरूरत खत्म।
  17. सभी कर्मचारियों को अपॉइंटमेंट लेटर देना अनिवार्य।
  18. सहमति और सुरक्षा व्यवस्था के साथ महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम की अनुमति।
  19. कॉन्ट्रैक्ट लेबर एक्ट अब उन प्रतिष्ठानों पर लागू जहाँ 50 या अधिक कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स हों।
  20. काम के घंटे हफ्ते में 48 घंटे ही रहेंगे, लेकिन रोज़ के घंटे बढ़ाने पर दोगुना ओवरटाइम देना होगा।

सरकार का दावा—मजदूर हित सुरक्षित, उद्योगों की प्रक्रिया सरल

श्रम मंत्रालय का कहना है कि नए कोड एक समान और आधुनिक ढांचा तैयार करेंगे, जिससे रोजगार देना आसान होगा और कामगारों को मजबूत सुरक्षा मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इन प्रावधानों से उद्योग जगत में लचीलापन बढ़ेगा और श्रमिकों के अधिकार अधिक स्पष्ट होंगे।

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