
शामली/दिल्ली, 22 नवंबर। दिल्ली के लालकिला क्षेत्र में 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट में झिंझाना निवासी नोमान की मौत के बाद उसका चचेरा भाई अमन अब जीवन के लिए संघर्ष से उभर रहा है, लेकिन हादसे के कुछ पल उसकी स्मृति से पूरी तरह मिट चुके हैं। गंभीर रूप से घायल अमन तीन दिन तक आईसीयू में रहने के बाद अब खतरे से बाहर बताया जा रहा है, हालांकि अस्थायी स्मृतिलोप ने जांच को कठिन बना दिया है।
एनआईए की पूछताछ में नहीं दे सका स्पष्ट बयान
गुरुवार शाम एनआईए की टीम एलएनजेपी अस्पताल पहुंची और घटना से पहले की परिस्थितियों को समझने की कोशिश की।
लेकिन सिर पर गहरी चोट और झटके की वजह से अमन सिर्फ इतना ही कह पाया कि—
- “शायद बाइक से गिरा था”
या - “कहीं सीढ़ियों से फिसल गया”
डॉक्टरों के अनुसार रीढ़ के ऊपरी हिस्से और सिर में चोट लगने से टेम्परेरी मेमोरी लॉस हुआ है। हालांकि अमन अपना नाम, पता और परिवार की जानकारी सामान्य रूप से बता रहा है।
सामान खरीदने आए थे, सेकेंडों में बदल गई जिंदगी
10 नवंबर को अमन और नोमान कॉस्मेटिक का सामान खरीदने दिल्ली आए थे। लालकिले के पास से गुजरते समय कार में हुए धमाके की चपेट में दोनों आ गए।
- नोमान की मौके पर मौत हो गई
- अमन कई मीटर दूर जा गिरा और बेहोश हो गया
राहगीरों और पुलिस ने तुरंत उसे एलएनजेपी अस्पताल पहुंचाया।
परिजनों की चिंता के बीच उम्मीद की किरण
अमन के जीजा यूनुस का कहना है कि—
“वह अब भी उलझन में रहता है। कभी कहता है बाइक से गिरा, कभी बोलता है सीढ़ियों से।”
तीन दिन आईसीयू में रहने के बाद उसे एचडीयू में शिफ्ट किया गया है। डॉक्टरों के अनुसार घटना की यादें—
- कुछ दिनों
- हफ्तों
या - महीनों में
धीरे-धीरे वापस आ सकती हैं।
जांच में अहम कड़ी, पर इंतज़ार जरूरी
एनआईए के लिए अमन एक महत्वपूर्ण चश्मदीद हो सकता था, क्योंकि वह धमाके के बेहद करीब था।
उसकी मिट चुकी यादें अब जांच के सामने नई चुनौती बन गई हैं।
डॉक्टरों की अनुमति के बाद एजेंसी कई चरणों में पूछताछ जारी रख सकती है, ताकि यादें लौटते ही नए तथ्य सामने आ सकें।
लालकिला ब्लास्ट की जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है, लेकिन अमन की धुंधली स्मृतियां उस त्रासदी का वह हिस्सा बन गई हैं, जिसे समझने में अभी समय लगेगा। परिवार को उम्मीद है कि जैसे-जैसे वह स्वस्थ होगा, उसकी यादें भी लौटेंगी—और शायद वही कुछ जरूरी सुराग सामने ला सके।