
ग्रेटर नोएडा।
नगला हुकम सिंह गांव में बुधवार को एक निर्माणाधीन मकान अचानक ढह गया, जिसमें चार मजदूर मलबे में दबकर जान गंवा बैठे। हादसा इतना भीषण था कि आसपास के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही पूरी संरचना जमीन पर आ चुकी थी। प्रशासन और पुलिस की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत-बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन चार मजदूरों की जिंदगी नहीं बचाई जा सकी।
लापरवाही से हुई मौत—मकान मालिक परिवार पर केस दर्ज, सब फरार
जांच में सामने आया कि निर्माण कार्य के दौरान
- सुरक्षा नियमों की भारी अनदेखी,
- घटिया निर्माण सामग्री,
- और मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम पर लगाने**
की वजह से यह दुर्घटना हुई।
रबूपुरा कोतवाली पुलिस ने मकान मालिक महावीर सिंह, उनकी पत्नी राजबाला और बेटे गौरव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। हादसे के बाद तीनों घर छोड़कर फरार हो गए हैं, जिनकी पुलिस लगातार तलाश कर रही है।
शटरिंग ठेकेदार गिरफ्तार
मकान की लिंटर शटरिंग का काम स्थानीय ठेकेदार मनोज माहेश्वरी कर रहा था।
मामले की जांच में उसका नाम सामने आने पर पुलिस ने उसे फलेदा कट से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस का कहना है कि शटरिंग में गंभीर खामियां थीं, जिससे पूरी संरचना अचानक ढह गई।
अवैध निर्माण पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई
यह मकान नागरिक उड्डयन विभाग की जमीन पर बनाया जा रहा था, जो कि जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण के विस्तार के लिए अधिगृहित की गई है। किसानों को इस जमीन का मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है।
फिर भी कुछ लोग
- व्यक्तिगत लाभ के लिए
- बिना अनुमति
- और सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाते हुए
अवैध निर्माण कर रहे थे।
इसी को लेकर—
- तहसील प्रशासन ने दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई हैं।
- लखनऊ तक रिपोर्ट भेजी गई है।
- क्षेत्र में निर्माण सामग्री की आपूर्ति प्रतिबंधित कर दी गई है।
उपजिलाधिकारी अभय कुमार सिंह ने कहा कि
“सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगा। संबंधित लोगों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।”
हादसे ने खड़े किए गंभीर सवाल
इस घटना ने फिर एक बार यह सवाल उठा दिया है कि—
- नियमों के खिलाफ जाकर अवैध निर्माण कैसे जारी है?
- मजदूरों की सुरक्षा के इंतजामों की निगरानी कौन कर रहा है?
- सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को रोकने में ढिलाई क्यों?
चार गरीब मजदूरों की जान चली गई, और अब जिला प्रशासन पूरे मामले में कठोर कार्रवाई की तैयारी में है।