Saturday, December 6

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बिहार चुनाव खत्म होते ही साइबर अपराधियों पर शिकंजा, 15 दिन में दाखिल होगी चार्जशीट
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बिहार चुनाव खत्म होते ही साइबर अपराधियों पर शिकंजा, 15 दिन में दाखिल होगी चार्जशीट

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मतगणना के ठीक पहले ही पुलिस मुख्यालय ने साफ कर दिया है कि आचार संहिता उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। चुनाव खत्म होते ही सोशल मीडिया पर फेक न्यूज, जातीय भड़काऊ पोस्ट और डीपफेक वीडियो साझा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ⚡ सोशल मीडिया हैंडल की सूची तैयार राज्य की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की साइबर सेल ने 150 सोशल मीडिया प्रोफाइल की लिस्ट तैयार की है। इन प्रोफाइलों ने चुनाव के दौरान लगातार फेक न्यूज, जातीय उकसावा और डीपफेक वीडियो शेयर किए। EOU के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लन ने बताया कि AI डेस्क ने अब तक दो दर्जन से ज्यादा डीपफेक वीडियो पकड़ लिए हैं और लिंक प्लेटफॉर्म से हटवाए गए हैं। 🏠 छापेमारी और चार्जशीट इन प्रोफाइलों से जुड़े लोगों के घरों पर छापेमारी की जाएगी, और गिरफ्तारी के बाद 15 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल की जाएगी। ⚠️...
बिहार चुनाव में VVPAT पर्चियां सड़क पर मिलीं, आरजेडी ने चुनाव आयोग पर उठाए गंभीर सवाल
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बिहार चुनाव में VVPAT पर्चियां सड़क पर मिलीं, आरजेडी ने चुनाव आयोग पर उठाए गंभीर सवाल

समस्तीपुर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर 27 सेकंड का वीडियो जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के केएसआर कॉलेज के पास ईवीएम से निकली वीवीपैट पर्चियां सड़क पर फेंकी गईं। 🔹 आरजेडी का आरोप पार्टी ने वीडियो में यह दिखाया कि सड़क पर बड़ी संख्या में वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियां बिखरी हुई हैं। आरजेडी ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाया कि यह घटना कब, कैसे और किसके इशारे पर हुई। पार्टी ने इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताते हुए कहा कि बाहर से आकर बिहार में डेरा डाले "लोकतंत्र के डकैत" के निर्देश पर ऐसा हो रहा है। 🔹 चुनाव आयोग से मांग आरजेडी ने चुनाव आयोग को तुरंत जवाब और स्पष्टीकरण देन...
बेतिया में पीएम मोदी की ‘समापन रैली’: बोले – “बिहार को कट्टा सरकार नहीं, फिर से एनडीए सरकार चाहिए”
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बेतिया में पीएम मोदी की ‘समापन रैली’: बोले – “बिहार को कट्टा सरकार नहीं, फिर से एनडीए सरकार चाहिए”

बेतिया, बिहार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बेतिया में भाजपा-एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में विशाल चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने इसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के चुनाव अभियान की समापन रैली बताया और कहा कि बिहार की जनता अब “कट्टा सरकार नहीं, फिर से एनडीए सरकार” चाहती है। 🔹 पीएम मोदी के मुख्य संदेश बिहार के नौजवानों, महिलाओं, मध्यम वर्ग और किसानों ने एनडीए के समर्थन में कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव प्रचार संभाला। यह चुनाव किसी नेता का नहीं, बल्कि बिहार की जनता का चुनाव है। पीएम मोदी ने कहा, “जहां कानून का राज खत्म होता है, वहां सबसे पहले गरीब, वंचित और पीड़ित बेहाल होता है। जहां कट्टे और रंगदारी का राज चलता है, वहां नौजवानों के सपने दम तोड़ देते हैं।” 🔹 समापन रैली का महत्व मोदी ने कहा कि यह रैली चंपारण सत्याग्रह की भूमि से अभियान की आखिरी सभा है। उन्हों...
ओवैसी का पलटवार: ‘बिहार में 2004 के बाद RJD ने खुद के दम पर सरकार नहीं बनाई’, बोले AIMIM मुद्दों पर चुनाव लड़ रही
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ओवैसी का पलटवार: ‘बिहार में 2004 के बाद RJD ने खुद के दम पर सरकार नहीं बनाई’, बोले AIMIM मुद्दों पर चुनाव लड़ रही

किशनगंज (विशेष संवाददाता): बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दो दिन बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विपक्षी आरोपों का करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि AIMIM किसी वोट कटवा पार्टी की तरह नहीं है और उनकी पार्टी जनता के अधिकार और मुद्दों के लिए चुनाव लड़ रही है। 🔹 RJD पर तंज ओवैसी ने बिहार के महागठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा, “2004 के बाद से राजद (RJD) ने बिहार में खुद के दम पर सरकार नहीं बनाई है। विपक्षी दलों को दूसरों पर आरोप लगाने से पहले आत्मचिंतन करना चाहिए।” 🔹 BJP और सीमांचल पर टिप्पणी ओवैसी ने सीमांचल क्षेत्र में माइग्रेशन और विकास को लेकर कहा, “क्या यहां सोने की खान मिल गई है? ऐसा लगता है जैसे लोग इसलिए आ रहे हैं क्योंकि तेल या खनिज भंडार हैं। भाजपा वाले घुसपैठ को लेकर सीमांचल को बदनाम कर रहे हैं। बंटवारे के समय मुसलमा...
बिहार चुनाव में चमकी 35 साल पुरानी दोस्ती — प्राणपुर में आफताब-कंचन की ‘कमाल की कहानी’ बनी चर्चा का विषय
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बिहार चुनाव में चमकी 35 साल पुरानी दोस्ती — प्राणपुर में आफताब-कंचन की ‘कमाल की कहानी’ बनी चर्चा का विषय

कटिहार। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सीमांचल के राजनीतिक माहौल में जहां अक्सर सांप्रदायिक समीकरणों की चर्चा होती है, वहीं प्राणपुर विधानसभा से एक ऐसी दोस्ती सुर्खियों में है जो इन दीवारों को तोड़ती दिख रही है। एआईएमआईएम उम्मीदवार आफताब आलम और उनके मित्र कंचन दास की 35 साल पुरानी दोस्ती आज चुनावी मैदान में भी नई मिसाल पेश कर रही है। एक ही छत के नीचे रहते हैं दोनों परिवारआफताब और कंचन की यह दोस्ती सिर्फ मोहल्ले या राजनीति तक सीमित नहीं है। दोनों परिवार करीब तीन दशकों से एक ही छत के नीचे रहते हैं। जब आफताब नीले रंग का कुर्ता पहनते हैं, तो कंचन भी वही रंग पहनते हैं। अगर कंचन गुलाबी पोशाक में हों, तो आफताब भी उसी रंग में नजर आते हैं। यह मेल सिर्फ कपड़ों में नहीं, बल्कि दिलों में भी झलकता है। दोस्ती नहीं, एक परिवार की तरह रिश्ताअब जब आफताब आलम प्राणपुर से एआईएमआईएम प्रत्याशी के रूप में चुना...
ईवीएम का वीडियो बनाना पड़ा भारी: बिहार में चार लोगों पर एफआईआर, चुनाव आयोग की सख्त कार्रवाई
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ईवीएम का वीडियो बनाना पड़ा भारी: बिहार में चार लोगों पर एफआईआर, चुनाव आयोग की सख्त कार्रवाई

मतदान केंद्र के भीतर मोबाइल से वोटिंग रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल किया वीडियो, आरा, गोपालगंज और सारण जिलों में दर्ज हुई प्राथमिकीबिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुछ मतदाताओं द्वारा ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर वोट डालते समय वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा करने का मामला सामने आया है। इस गंभीर उल्लंघन पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। अधिकारियों के मुताबिक, ये मामले आरा, गोपालगंज और सारण जिलों में दर्ज किए गए हैं — गोपालगंज में दो लोगों पर, जबकि आरा और सारण में एक-एक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया गया है। कानूनी उल्लंघन और जांच शुरूपुलिस ने बताया कि मतदान केंद्र के भीतर मोबाइल फोन ले जाना और ईवीएम की रिकॉर्डिंग करना चुनाव आचार संहिता एवं निर्वाचन आयोग के निर्देशों का उल्लंघन है। इसके साथ ही यह सरकारी कार्यों में बाधा डालने और विधि-व...
👩‍🌾 बिहार में भारी मतदान के पीछे ‘जीविका दीदी’… इन 1.4 करोड़ महिला वोटरों के हाथों में चुनाव परिणाम!
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👩‍🌾 बिहार में भारी मतदान के पीछे ‘जीविका दीदी’… इन 1.4 करोड़ महिला वोटरों के हाथों में चुनाव परिणाम!

पटना।बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 64.66% मतदान के साथ रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग दर्ज की गई। इस ऐतिहासिक मतदान के पीछे एक नया ‘साइलेंट फैक्टर’ सामने आया है — जीविका दीदियां। राज्य की आर्थिक रूप से सशक्त ग्रामीण महिलाओं का यह विशाल समूह अब केवल गृहिणी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की निर्णायक शक्ति बन चुका है। 🌾 कौन हैं ‘जीविका दीदी’? राज्य की जीविका योजना के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जुड़ी महिलाएं, जिन्हें आमतौर पर ‘जीविका दीदी’ कहा जाता है, अब 1.4 करोड़ से अधिक हैं — यानी बिहार की कुल महिला मतदाताओं (3.5 करोड़) का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा।इन महिलाओं ने अपनी मेहनत से गांवों की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंक दी है — और अब उनके वोट राजनीतिक समीकरणों को भी बदलने की ताकत रखते हैं। 🪙 “अब हम अपने नाम से पहचान रखते हैं” बक्सर जिले के डुमरांव ब्लॉक की आरती देवी, जो जीविका की ‘कौशल...
बिहार चुनाव 2025: “कट्टा या कानून?” — नरेन्द्र मोदी ने ‘अंतिम ओवरों’ में बदला खेल का रंग!
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बिहार चुनाव 2025: “कट्टा या कानून?” — नरेन्द्र मोदी ने ‘अंतिम ओवरों’ में बदला खेल का रंग!

पटना/नई दिल्ली।बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अपने निर्णायक मोड़ पर है। चुनावी मैदान में एक ओर जंगलराज की यादें हैं, तो दूसरी ओर विकास और सुशासन का दावा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अब चुनावी रणनीति की आखिरी पारी में ‘कट्टा या कानून’ के सवाल के साथ पूरा नैरेटिव बदल दिया है। 🔥 “कट्टा या कानून”— चुनाव का नया मंत्र भाजपा ने इस बार अपने प्रचार को एक ही मुद्दे पर केंद्रित किया है — “कट्टा या कानून?”प्रधानमंत्री मोदी ने औरंगाबाद की सभा में कहा — “राजद के समर्थक कह रहे हैं कि अगर भैया (तेजस्वी) की सरकार बनी, तो कट्टा, दोनाली और फिरौती का दौर लौट आएगा। जनता को तय करना है कि उसे कानून चाहिए या कट्टा संस्कृति।” गृह मंत्री अमित शाह ने भी जमुई की सभा में तंज कसते हुए कहा — “अगर तेजस्वी जीतते हैं, तो वे अपहरण का नया विभाग खोल देंगे। बिहार अब विकास की पटरी पर है, हम...
बिहार के सीमांचल में ‘बांग्लादेशी मुसलमान’ का सियासी मुद्दा, चुनाव से पहले ध्रुवीकरण की कोशिश
Bihar, Politics

बिहार के सीमांचल में ‘बांग्लादेशी मुसलमान’ का सियासी मुद्दा, चुनाव से पहले ध्रुवीकरण की कोशिश

पटना: बिहार के चुनावी माहौल में सीमांचल और कोसी क्षेत्र की राजनीति में मुसलमान समुदाय को लेकर सियासी तूफान उठ गया है। भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं ने सीमांचल में बसे मुसलमानों को ‘घुसपैठिया’ कहकर चुनावी मुद्दा बनाया है। दरअसल, इन मुसलमानों में से कुछ खुद को ‘शेरशाहाबादी मुस्लिम’ बताते हैं। ये लोग मूलतः पश्चिम बंगाल के हैं, बांग्ला बोलते हैं और ऐतिहासिक रूप से शेरशाह सूरी से अपने संबंध का दावा करते हैं। वहीं, क्षेत्रीय मुस्लिम समुदाय, जिन्हें स्थानीय लोग ‘देसी मुस्लिम’ कहते हैं, मुख्य रूप से सुरजापुरी और कुल्हैया बोलते हैं। शेरशाहाबादी vs देसी मुस्लिम सीमांचल के स्थानीय मुस्लिम समुदाय सुरजापुरी और कुल्हैया मुस्लिमों में बंटे हैं। सुरजापुरी आबादी सबसे बड़ी है और किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार की कई विधानसभा सीटों में निर्णायक भूमिका निभाती है। शेरशाहाबादी मुस्लिम उर्दू-बंगाली मि...
बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में बढ़ी वोटिंग, लोकतंत्र को मिला मजबूत संदेश
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बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में बढ़ी वोटिंग, लोकतंत्र को मिला मजबूत संदेश

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदाताओं ने जबरदस्त उत्साह और जोश दिखाया। 121 सीटों पर हुए मतदान में 60.13% मतदान दर्ज किया गया, जो लोकतंत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह दर्शाता है कि जनता राजनीति से उदासीन नहीं है और लोकतंत्र जीवंत है। बड़े नाम कतार में इस चरण में महागठबंधन के CM उम्मीदवार तेजस्वी यादव, डिप्टी CM विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी समेत कई बड़े नेताओं की किस्मत दांव पर लगी थी। वहीं, अभिनेता से नेता बने खेसारी लाल यादव, गायक मैथिली ठाकुर जैसे उम्मीदवारों के चुनावी परिणाम भी जनता की सोच का परिचायक होंगे। साथ ही बाहुबलियों की भी लड़ाई इस चरण में महत्वपूर्ण रही। भविष्य का फैसला बिहार में पिछले दो दशकों से सत्तासीन नीतीश कुमार या उनकी जगह कोई और—यह सवाल इस बार इतनी मजबूती से जनता के सामने आया है कि हर वोट का महत्व बढ़ गया है। 2020 क...