
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं। 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे। उनके आगमन को लेकर दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जबकि कई वरिष्ठ अधिकारी व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त में जुटे हैं।
सोशल मीडिया पर पुतिन की सुरक्षा को लेकर अलग-अलग दावे हैं, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार उनका दौरा बहुस्तरीय सुरक्षा, आधुनिक तकनीक और अनुभवी बॉडीगार्ड्स के तहत होगा।
- चार लेयर सुरक्षा – भीतरी घेरे में करीबी बॉडीगार्ड, बीच के घेरे में भीड़ में तैनात सुरक्षाकर्मी, तीसरा घेरा भीतरी घेरे के पास और चौथा छतों पर स्नाइपर्स।
- उच्च प्रशिक्षित बॉडीगार्ड – हाथ से हाथ मुकाबले में माहिर और अत्यंत सतर्क।
- बुलेटप्रूफ सूटकेस और छाता – सुरक्षा ढाल के रूप में इस्तेमाल, साथ में पिस्तौल भी।
- खाने का सैंपल – हर भोजन का पहले जांच लिया जाता है।
- दौरे से पहले सुरक्षा जांच – सुरक्षा टीम पहले ही भारत आकर हर जगह निरीक्षण करती है।
- भ्रमित करने वाला काफिला – कई एक जैसी गाड़ियां चलती हैं, जिससे पता नहीं चलता कि पुतिन किस गाड़ी में हैं।
- बख्तरबंद गाड़ियां – गोली और बम से सुरक्षित, जवानों के पास हैंड ग्रेनेड, मिसाइल और AK-47।
- एयर डिफेंस सिस्टम से लैस आवास – मिसाइल हमलों से सुरक्षा।
- पॉटी सूटकेस – मल-मूत्र संग्रहित करके मॉस्को भेजा जाता है, जैविक जानकारी की सुरक्षा के लिए।
- केजीबी के भरोसेमंद अधिकारी – भीतरी सुरक्षा घेरे में पुतिन के विश्वासपात्र और अनुभवी केजीबी अधिकारी।
दिल्ली में 4-5 दिसंबर को पुतिन की यात्रा के दौरान स्वाट टीम, आतंकवाद-रोधी दस्ते, त्वरित प्रतिक्रिया टीम और तकनीकी निगरानी प्रणाली सहित बहुस्तरीय सुरक्षा उपाय लागू होंगे।