
पटना। आगामी बिहार विधानसभा सत्र को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने शनिवार को पटना में रणनीतिक बैठक आयोजित की। आरजेडी के सभी 25 विधायक प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल के नेतृत्व में 1, पोलो रोड स्थित तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंचे, जहां पार्टी की अंदरूनी रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक का मकसद था—सदन में जनता से जुड़े मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाने की तैयारी करना।
तेजस्वी यादव बने विरोधी दल के नेता
आरजेडी की बैठक के बाद महागठबंधन (गठबंधन) की संयुक्त बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस, माले और वाम दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए। सभी दलों ने तेजस्वी यादव के नाम पर सर्वसम्मति से मुहर लगाते हुए उन्हें महागठबंधन की ओर से विरोधी दल का नेता चुन लिया।
कांग्रेस के एमएलसी समीर सिंह, माले विधायक संदीप सौरव और वाम दलों के आईपी गुप्ता सहित कई नेता बैठक में मौजूद थे।
महागठबंधन के विधायकों ने स्पष्ट कहा कि संख्या कम होने के बावजूद वे सदन में जनहित के मुद्दों पर मजबूती से आवाज उठाएंगे।
तेजस्वी पटना पहुंचे, लेकिन चुप्पी कायम
दिल्ली से पटना पहुंचे तेजस्वी यादव दोनों बैठकों में मौजूद रहे। हालांकि एयरपोर्ट पर मीडिया के सवालों पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और चुप्पी साधे रखी।
35 सीटों पर सिमटा विपक्ष, सामने 202 विधायकों वाला NDA
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में विपक्ष की स्थिति बेहद कमजोर होकर उभरी है।
- राजद – 25 सीटें
- कांग्रेस – 6 सीटें
- वाम दल – 4 सीटें
कुल मिलाकर पूरा विपक्ष 35 सीटों पर सिमट गया है, जबकि दूसरी ओर एनडीए 202 विधायकों की मजबूती के साथ सदन में भारी बहुमत रखता है। ऐसे में विपक्ष की चुनौती और बढ़ गई है।
बैठक के माध्यम से महागठबंधन ने यह संकेत दिया है कि सीमित संख्या के बावजूद वह आगामी विधानसभा सत्र में सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करेगा।