Saturday, December 6

‘डॉलर के लिए बेचा ईमान’ – मौलाना फजलुर्रहमान ने खोल दी पाकिस्तान की पोल, अफगान नीति पर साधा निशाना

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के एमएनए और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर्रहमान ने अफगानिस्तान को लेकर पाकिस्तान की नीतियों की कड़ी आलोचना की है। मौलाना ने कहा कि पाकिस्तान की सेना और सरकार की अफगान पॉलिसी हमेशा से विफल रही है और यह नीति केवल सत्ता में बने लोगों के व्यक्तिगत फायदे के लिए लागू की गई।

फजलुर्रहमान ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हालिया तनाव के लिए सीधे तौर पर सेना को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बेहतर और टिकाऊ संबंध बनाने की बजाय पाकिस्तान ने अपने राजनीतिक और आर्थिक हितों को प्राथमिकता दी।

‘हमने डॉलर लेकर समझौते किए’
मौलाना फजलुर्रहमान ने व्यापारियों के साथ बैठक में बताया कि देश के दो सैन्य शासक, जिया उल हक और परवेज मुशर्रफ, विशेष रूप से अफगान नीति को नुकसान पहुंचाने में शामिल रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका से मिले डॉलर के लालच में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ रिश्तों को बिगाड़ा।

पाक-अफगान तनाव का असर:
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंध पिछले महीने सीमा पर हुए सैन्य संघर्ष के बाद तनावपूर्ण बने हैं। इसका सीधा असर पाकिस्तानी बाजार पर पड़ा है। अफगानिस्तान के साथ व्यापार बंद होने से कई क्षेत्रों में फलों और सब्जियों की कीमतें बढ़ गई हैं, जबकि पोल्ट्री कारोबार प्रभावित हुआ। इस दोहरे नुकसान के चलते पाकिस्तानी व्यापारियों ने मौलाना फजलुर्रहमान से मुलाकात कर मदद मांगी।

फजलुर्रहमान ने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान के साथ व्यापार फिर से शुरू करने की मांग को नजरअंदाज करना न केवल अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक है, बल्कि पाकिस्तान की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी खतरा है।

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