
सिवनी/राजस्थान: मध्य प्रदेश के बाहर बाघों के कुनबे को बढ़ाने की पहल फिर से शुरू हो गई है। सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व से एक बाघिन को राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व भेजा गया है। यह अंतरराज्यीय ट्रांसफर एनटीसीए (National Tiger Conservation Authority) की अनुमति के तहत किया गया और इसका उद्देश्य बाघों के जीन-पूल को मजबूत करना है।
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सुबह 6 बजे शुरू हुआ। बाघिन का लोकेशन पहले दिन नहीं मिल पाया, लेकिन रात में उसे ट्रैक कर सुरक्षित पकड़ा गया। टीम ने पूरे क्षेत्र में पगमार्क, मूवमेंट पाथ और जंगल के संकेत तलाशने के लिए 10-12 टीमों का गठन किया। कठिन और घने जंगलों में तलाशी को और प्रभावी बनाने के लिए चार हाथी दल भी तैनात किए गए।
डिप्टी डायरेक्टर सिंह ने बताया कि यह अभियान बेहद संवेदनशील था और इसे दोनों राज्यों के सटीक समन्वय, विस्तृत योजना और अत्यंत सावधानी के साथ संचालित किया गया। इससे पहले बांधवगढ़ और कान्हा टाइगर रिजर्व से एक बाघ और बाघिन को ओडिशा के सातकोसिया टाइगर रिजर्व में भेजा गया था, तब सड़क मार्ग का उपयोग किया गया था। इस बार हेलिकॉप्टर के जरिए ट्रांसफर किया गया है।
विशेष जानकारी: इस अभियान से राजस्थान में बाघ की नस्ल सुधारने और प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के इंटर-स्टेट ट्रांसफर से देश में बाघों की विविधता और सुरक्षा सुनिश्चित रहती है।