Saturday, December 6

बांदा के चार मछुआरे पाकिस्तान की लांडी जेल में, संसद में उठेगा रिहाई का मुद्दा

बांदा: पाकिस्तान की कराची स्थित लांडी जेल में बंद यूपी के बांदा जिले के चार भारतीय मछुआरों की रिहाई का मामला अब संसद तक पहुंच गया है। समाजवादी पार्टी इस प्रकरण को लोकसभा सत्र में प्राथमिकता के साथ उठाएगी, ताकि केंद्र सरकार इन मजदूरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित कर सके।

जानकारी:
पूर्व सांसद एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विशंभर प्रसाद निषाद ने पीड़ित परिवारों के साथ गुरुवार को जिलाधिकारी बांदा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि ये चारों मछुआरे — जितेंद्र (माटा गांव), लक्ष्मण (धौंसड गांव), सर्वेश (चकचटगन) और चांदबाबू (बशीर का पुत्र) — गुजरात के ओखा/बेरावल समुद्री तट पर मछली पकड़ते थे। अक्टूबर 2021 में पाकिस्तानी नौसेना ने उन्हें भारतीय समुद्री सीमा से पकड़ लिया और तब से वे कराची की लांडी जेल में बंद हैं।

पीड़ितों की स्थिति:
परिजनों ने बताया कि ये सभी गरीब परिवार से हैं और मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। हाल ही में परिवारों को आई चिट्ठियों में चारों मछुआरों ने जेल में यातनाओं और बिगड़ती सेहत का जिक्र किया है। उन्होंने आशंका जताई है कि यदि जल्द रिहाई न हुई, तो उनकी जान को गंभीर खतरा हो सकता है।

सपा नेता की प्रतिक्रिया:
पूर्व सांसद निषाद ने कहा कि मामला बेहद मानवीय और संवेदनशील है। चारों परिवार अपने कमाऊ सदस्यों के बिना संकट में हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि इसे विदेश मंत्रालय और भारत सरकार तक तत्काल पहुंचाया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी आगामी लोकसभा सत्र में इस मुद्दे को मजबूती से उठाएगी, ताकि केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय पाकिस्तान सरकार पर दबाव डालकर इन भारतीय नागरिकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित कर सके।

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