
भोपाल में साइबर अपराध अब जानलेवा रूप ले रहा है। जहांगीराबाद के वरिष्ठ वकील शिवकुमार वर्मा (68) ने सोमवार रात कथित रूप से खुदकुशी कर ली। पुलिस को उनके कमरे से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा कि अज्ञात साइबर ठगों ने उन्हें फोन कर धमकाया था कि उनके बैंक खाते से दिल्ली ब्लास्ट के आतंकवादियों को पैसे भेजे गए हैं। इस आरोप और कलंक के डर से उन्होंने यह कदम उठाया।
सुसाइड का भयावह मंजर
शिवकुमार वर्मा अपने परिवार के साथ बरखेड़ी में रहते थे। सोमवार शाम उनकी पत्नी जब दिल्ली से फोन किया तो उन्होंने जवाब नहीं दिया। किराएदार ने देखा कि वकील पंखे से लटका हुआ था। पुलिस ने तुरंत सूचना पाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
सुसाइड नोट में भय और अपील
सुसाइड नोट में वकील ने लिखा:
- “मैं गद्दार कहलाने का कलंक नहीं सह पाऊंगा।”
- अपने बच्चों से खुश रहने की अपील की।
- भगवान भोलेनाथ से अपनी और परिवार की भलाई की प्रार्थना की।
उन्होंने यह भी लिखा कि भोपाल गैस त्रासदी में उन्होंने सैकड़ों पीड़ितों के अंतिम संस्कार किए और मरीजों की जान बचाने के लिए करीब 50 बार रक्तदान किया।
साइबर ठगों पर शक
एसएचओ चौधरी ने बताया कि पुलिस को शक है कि फोन कॉल ‘डिजिटल अरेस्ट’ धोखाधड़ी के जरिए किया गया। साइबर अपराधी वकील को डराकर आर्थिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
समान घटना पहले भी हुई
पिछले सप्ताह 67 वर्षीय रिटायर्ड बैंक मैनेजर और उनकी पत्नी को भी डिजिटल अरेस्ट के जरिए 67.5 लाख रुपए की ठगी का शिकार बनाया गया। साइबर ठगों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर धमकाया और पैसे का ट्रांसफर कराया।
भोपाल में लगातार बढ़ते साइबर अपराध लोगों की सुरक्षा और मानसिक स्थिति के लिए गंभीर खतरा बन रहे हैं।