
गुवाहाटी: भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ गुवाहाटी टेस्ट के आखिरी दिन तीसरे ही ओवर में बड़ा झटका लगा, जब युवा बल्लेबाज साई सुदर्शन आउट हो गए। लेकिन किस्मत और नो-बॉल की वजह से सुदर्शन पवेलियन नहीं लौटे और टीम को महत्वपूर्ण फायदा मिला।
मैच के आखिरी दिन भारतीय टीम को 522 रन बनाने हैं। यह टारगेट बेहद मुश्किल है, लेकिन टीम के पास मैच को ड्रॉ करवाने का अवसर है। वहीं, साउथ अफ्रीका को केवल 8 विकेट लेने हैं।
नो-बॉल ने बचाई साई सुदर्शन की विकेट
दिन की 19वें ओवर की तीसरी गेंद पर साई सुदर्शन आउट हो गए। मार्को यानसेन की गेंद ने बल्ले का किनारा लिया और विकेटकीपर काइल वेरेन के हाथ में चली गई। अंपायर ने आउट का इशारा कर दिया और साउथ अफ्रीकी टीम जश्न मनाने लगी। इसी समय स्टेडियम में सायरन बजा, जो नो-बॉल का संकेत था।
दरअसल, गेंद डालते समय यानसेन का अगला पैर क्रीज के बाहर लैंड हुआ था। इसके चलते अंपायर ने गेंद को नो-बॉल करार दिया। इस निर्णय से सुदर्शन पवेलियन लौटने से बच गए।
साई सुदर्शन की वापसी अहम
24 साल के साई सुदर्शन अपने करियर का छठा टेस्ट खेल रहे हैं। इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने डेब्यू किया था, लेकिन पिछले मुकाबले में उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली थी। कप्तान शुभमन गिल के चोटिल होने की वजह से वह इस मैच में टीम में वापसी कर गए। सुदर्शन के लिए यह मुकाबला खास है क्योंकि अब तक उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपनी छाप नहीं छोड़ी है।
सीरीज में साउथ अफ्रीका आगे
दो मैचों की इस सीरीज में साउथ अफ्रीका ने कोलकाता में खेले गए पहले मैच को 30 रनों से अपने नाम किया था। गुवाहाटी टेस्ट में भारत को अंतिम दिन मैच ड्रॉ करने के लिए पूरी पारी खेलनी होगी।
स्टीफनमार्क की यह नो-बॉल भारतीय टीम के लिए किस्मत की तरह साबित हुई और साई सुदर्शन ने टीम को मजबूत स्थिति में बनाए रखा।