Saturday, December 6

दिल्ली ब्लास्ट केस: आधी रात फरीदाबाद पहुंचा डॉ. मुजम्मिल, NIA ने किराए के कमरों में घंटों की तलाशी, विस्फोटक खरीद के कई राज बेनकाब

फरीदाबाद। दिल्ली में हुए बम विस्फोट मामले में गिरफ्तार अल-फला विश्वविद्यालय के डॉक्टर मुजम्मिल शकील को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार देर रात कड़ी सुरक्षा के बीच फरीदाबाद और सोहना लाया। करीब चार घंटे चली इस कार्रवाई में संदिग्ध ने उन स्थानों की पहचान कराई, जहां उसने भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री खरीदी और छिपाकर रखी थी। कार्रवाई के दौरान 15 गाड़ियों के काफिले के साथ बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात रहा, जिससे मौके पर लोगों की भीड़ भी जमा हो गई।

1600 किलो अमोनियम नाइट्रेट खरीदने का खुलासा

जांच में सामने आया कि मुजम्मिल ने एक विदेशी हैंडलर के निर्देश पर विस्फोट की ट्रेनिंग ली थी और लगातार संपर्क में था। पूछताछ में उसने सोहना मंडी स्थित बीज भंडारों की पहचान की, जहां से उसने साल 2023 की शुरुआत में लगभग 1600 किलो अमोनियम नाइट्रेट खरीदा था—1,000 किलो एक दुकान से और 600 किलो दूसरी से।

NIA ने इन जगहों पर की कार्रवाई

जांच टीम आरोपी को उन दो किराए के कमरों में लेकर गई, जहां करीब 2,900 किलो अमोनियम नाइट्रेट रखा गया था। टीम उसे विश्वविद्यालय परिसर, धौज गांव स्थित एक कैब ड्राइवर के कमरे और उस स्थान पर भी ले गई जहां उसने इलेक्ट्रिक ग्राइंडर और पोर्टेबल भट्टी रखी थी। इन्हें विस्फोटक तैयार करने के लिए उपयोग किया जाना था।

किराए के कमरे से अहम सुराग मिले

NIA ने रातभर दोनों कमरों में सबूत खंगाले। पता चला कि सितंबर में मुजम्मिल ने एक कमरा किराए पर लिया था और हर महीने 1,200 रुपये एडवांस देता था। मकान मालिक, जिसे लोग ‘मदरसी’ के नाम से जानते हैं, से भी पूछताछ की गई। उसने बताया कि आरोपी कभी वहां नहीं रुका, सिर्फ बैग रखकर चला जाता था और उसे अंदर की गतिविधियों की जानकारी नहीं थी।

4 किलोमीटर दूर दूसरा ठिकाना, 2,600 किलो विस्फोटक बरामद

फतेहपुर तगा स्थित दूसरे कमरे में NIA की तलाशी जारी रही। यहां से 9 नवंबर को 2,600 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था। इस बरामदगी के बाद घर के मालिक, एक स्थानीय मौलवी को गिरफ्तार किया गया था।

विश्वविद्यालय में रची गई साजिश

टीम मुजम्मिल को विश्वविद्यालय स्थित उसके आवास पर भी लेकर गई, जहां हमले की साजिश रचे जाने की आशंका है। जांच में दावा किया जा रहा है कि दो वर्षों में उसने डॉ. उमर उन नबी और डॉ. शाहीन शहीद सहित अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर हमले की योजना तैयार की थी। डॉ. उमर लाल किले के पास विस्फोट करने वाली कार में मौजूद था।

कोडेड डायरी से नए सुराग

जांचकर्ताओं को पहले बरामद डायरी में कई अभियानों के कोडेड संदर्भ मिले हैं। अब NIA पाकिस्तान और तुर्की स्थित संदिग्ध संपर्कों की पड़ताल कर रही है।

फरीदाबाद पुलिस हाई अलर्ट पर

NIA ने आधी रात तक तलाशी पूरी कर आरोपी को कड़ी सुरक्षा के बीच वापस दिल्ली ले जाया। इधर, फरीदाबाद पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है। पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने कहा कि सुरक्षा को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। कमरे किराए पर देने और सिम कार्ड जारी करते समय सावधानी बरतने की अपील भी की गई है।

जांच एजेंसियां अब विस्फोटक नेटवर्क और विदेशी लिंक की गहराई से जांच में जुट गई हैं। इस मामले में आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

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