
जोधपुर। जोधपुर के भोपालगढ़ के डीएसपी भूराराम खिलेरी एक बार फिर चर्चा में हैं। भाजपा नेता के साथ हुए विवाद और सरकार द्वारा ट्रांसफर के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने भूराराम को वापस भोपालगढ़ डीएसपी के पद पर बहाल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस प्रशासन को फटकारते हुए कहा कि स्टे के बावजूद भूराराम का ट्रांसफर क्यों किया गया।
भूषण नेता के साथ विवाद
अक्टूबर में बीजेपी नेता हेमंत शर्मा के खिलाफ कुछ ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि उन्होंने सोशल मीडिया पर जाति सूचक टिप्पणी की। पुलिस ने हेमंत शर्मा को गिरफ्तार किया, जिसके बाद जोधपुर देहात के भाजपा जिला अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को शिकायत भेजी। इसके बाद डीएसपी भूराराम को एपीओ कर दिया गया, लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की।
हाईकोर्ट का आदेश और सरकार की फटकार
29 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने सरकार के एपीओ आदेश पर रोक लगा दी थी, फिर भी भूराराम का ट्रांसफर बांसवाड़ा जिले में कर दिया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार का यह रवैया उचित नहीं है और भूराराम को भोपालगढ़ में डीएसपी के रूप में बहाल किया जाए।
कौन हैं DSP भूराराम खिलेरी
भूराराम खिलेरी आरपीएस अधिकारी हैं। 2023 में उन्हें पुलिस निरीक्षक से डीएसपी पदोन्नत किया गया। इससे पहले वे ब्यावर जिले के सिटी पुलिस थाने में पदस्थ थे। डीएसपी भूराराम ने एसओजी में रहते हुए भी कई बड़े मामलों में सफलता पाई है। भीलवाड़ा जिले में कोटडी पुलिस थाने के कांस्टेबलों पर फायरिंग कर हत्या करने के मुख्य आरोपी सुनील डूडी को उन्होंने दबोचा था। इसके अलावा ब्यावर में रहते हुए उन्होंने 3 करोड़ से अधिक के आईफोन, लाखों रुपए की बैटरी चोरी सहित कई बड़े मामलों का खुलासा किया।
निष्कर्ष
भूराराम खिलेरी की बहाली के आदेश से यह साफ हो गया है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों की निष्पक्षता और संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा पर जोर दिया है। उनका करियर कई विवाद और बड़ी सफल कार्रवाइयों से भरा रहा है, और अब वे फिर से भोपालगढ़ में डीएसपी पद संभालेंगे।