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जैश-ए-मोहम्मद के लिए भर्ती करता था मौलवी इरफान, पढ़े-लिखे युवाओं पर रखता था खास नजर

नई दिल्ली, 22 नवंबर। लाल किला धमाके की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार मौलवी इरफान अहमद को जैश-ए-मोहम्मद के मुख्य भर्तीकर्ता के तौर पर चिन्हित किया है। अधिकारियों के अनुसार, इरफान कथित रूप से एक ऐसे मॉड्यूल को तैयार कर रहा था, जिसे जांचकर्ता “व्हाइट कॉलर टेरर इकोसिस्टम” के नाम से जोड़कर देख रहे हैं। उसका फोकस विशेष रूप से पढ़े-लिखे, पेशेवर और सफेदपोश युवाओं पर था।

कैसे करता था संभावित लोगों की पहचान

जांच सूत्रों के मुताबिक, इरफान ने भर्ती के लिए तीन रणनीतियाँ अपनाई थीं—

  1. व्यक्तिगत बातचीत के जरिए परख
  • संदिग्ध लोगों से सामान्य मुलाकात कर उनके विचार, असंतोष और कट्टर रुझानों को टटोलता था।
  1. सोशल मीडिया की निगरानी
  • ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखकर संभावित संपर्क तलाशता था।
  1. मस्जिदों में नियमित आने वाले युवा
  • अधिकारियों ने बताया कि यह तरीका सबसे संवेदनशील और खतरनाक माना गया, क्योंकि वह नमाज़ के लिए आने वाले पढ़े-लिखे युवाओं के व्यवहार पर गहराई से निगरानी रखता था।

इसी तरीके से कथित तौर पर अदील अहमद राथर, जसीर बिलाल वानी सहित कई युवाओं को टेरर मॉड्यूल से जोड़ा गया।

दोस्ताना अंदाज में संपर्क, फिर वैचारिक प्रभाव

सूत्रों के अनुसार, इरफान अपने टारगेट से बेहद सहज तरीके से मिलता था।
पहले विश्वास जीतता, फिर धीरे-धीरे वैचारिक सामग्री साझा करता।
अगर उसे लगता कि सामने वाला प्रभावित हो सकता है, तभी आगे बढ़ता था।

पाकिस्तानी हैंडलर से लगातार संपर्क के संकेत

डिजिटल जांच में सामने आया है कि इरफान कथित रूप से पाकिस्तान में बैठे जैश के एक हैंडलर हंजुल्ला के संपर्क में था।
अधिकारियों के मुताबिक:

  • 2023 में बातचीत टेलीग्राम पर शिफ्ट हुई
  • एक पाकिस्तानी आतंकी ने उसे दो असॉल्ट राइफलें भेजने का दावा
  • एक डॉक्टर शकील के अस्पताल के लॉकर से बरामद
  • दूसरी डॉक्टर शाहीन शाहिद की कार से मिली

हर सदस्य की तय थी भूमिका

पूछताछ में सामने आया है कि मॉड्यूल में शामिल सभी संदिग्धों—
जिनमें फिदायीन हमलावर डॉ. उमर उन नबी का नाम भी शामिल है—को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं।
इनमें लॉजिस्टिक्स जुटाना, विस्फोटक तैयार करना और अन्य काम शामिल थे, लेकिन लक्ष्य एक ही था।

जांच जारी है

एजेंसियाँ अब नेटवर्क के और सदस्यों, फंडिंग स्रोतों और अंतरराष्ट्रीय लिंक की पड़ताल कर रही हैं।
अधिकारियों का कहना है कि यह मामला संगठित तरीके से चल रहे एक बड़े मॉड्यूल की ओर संकेत करता है।

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