Saturday, December 6

फांसी की सजा पर शेख हसीना की पहली प्रतिक्रिया: बांग्लादेशी कोर्ट का फैसला ‘पक्षपाती और राजनीतिक प्रेरित’

ढाका/नई दिल्ली।
मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में दोषी ठहराए जाने और मौत की सजा सुनाए जाने के बाद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) के फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे “धांधली से स्थापित पक्षपातपूर्ण और अलोकतांत्रिक ट्रिब्यूनल” का फैसला बताया।

शेख हसीना का बयान

हसीना ने कहा कि यह ट्रिब्यूनल एक अंतरिम सरकार द्वारा चलाया जा रहा है, जिसका कोई लोकतांत्रिक जनादेश नहीं है। उनके अनुसार, उनके खिलाफ मौत की सजा की सिफारिश इस बात का संकेत है कि सरकार के चरमपंथी तत्व बांग्लादेश की निर्वाचित प्रधानमंत्री और अवामी लीग को राजनीतिक रूप से समाप्त करना चाहते हैं।

हसीना ने आरोप लगाया कि ICT के ट्रायल न तो न्याय दिलाने के लिए थे और न ही 2025 की घटनाओं की सच्चाई सामने लाने के लिए। उनका उद्देश्य अवामी लीग को बलि का बकरा बनाना और अंतरिम सरकार की विफलताओं से दुनिया का ध्यान हटाना था।

सरकारी विफलताओं पर कटाक्ष

शेख हसीना ने कहा कि मोहम्मद यूनुस के शासन में सार्वजनिक सेवाएं चरमरा गई हैं, अपराध बढ़ गया है, और न्यायिक निष्पक्षता प्रभावित हुई है। अवामी लीग के समर्थकों, हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस्लामी चरमपंथियों को संरक्षण दे रही है, पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा रहा है, और आर्थिक विकास ठप है।

शेख हसीना ने यह भी कहा कि IMF और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के पास इस सरकार की विफलताओं के प्रमाण मौजूद हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसे स्वीकार कर लिया। उनका मानना है कि अगला चुनाव तभी सार्थक होगा जब वह स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी हो।

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