Saturday, December 6

गुरुग्राम-दिल्ली में नौकरी, पर शादी में रोड़ा बनी ‘सड़क’—उत्तराखंड के बड़कोट गांव के युवाओं की नहीं हो रही शादी

चमोली (उत्तराखंड)। आधुनिकता और विकास की दौड़ में उत्तराखंड का एक गांव आज भी मूलभूत सुविधा सड़क से वंचित है, और इसकी सबसे बड़ी कीमत चुका रहे हैं यहां के युवा। चमोली जिले के नारायण बगड़ ब्लॉक में स्थित सुदूरवर्ती बड़कोट गांव के शिक्षित युवक शादी न होने की समस्या से जूझ रहे हैं। वजह—गांव तक सड़क न होना।

रिश्ते आते हैं, पर ‘सड़क सुनते ही’ टूट जाते हैं

गांव में रहने वाले ग्रामीण बताते हैं कि लड़कियों के रिश्ते तो कई बार आए, लेकिन जैसे ही लड़की पक्ष को पता चलता है कि गांव तक सड़क नहीं है और 5 किलोमीटर कठिन चढ़ाई पैदल तय करनी पड़ती है, वे रिश्ता करने से इनकार कर देते हैं।
गांव के 25 परिवार वर्षों से सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन स्थिति जस की तस है।

दिल्ली-गुरुग्राम की नौकरी भी नहीं बदल पा रही किस्मत

यहां के युवक पढ़े-लिखे हैं और दिल्ली, गुरुग्राम जैसे शहरों में अच्छी नौकरियां करते हैं। बावजूद इसके, गांव की सड़क की कमी उनकी वैवाहिक जिंदगी में बाधा बन गई है।

26 वर्षीय अनिल सिंह, जो गुरुग्राम में नौकरी करते हैं, बताते हैं कि पिछले दो साल से परिवार शादी के लिए कोशिश कर रहा है। थराली, नौटी सहित कई जगहों पर रिश्ते देखे गए, लेकिन हर बार “गांव में सड़क नहीं है” कहकर मना कर दिया गया।

27 वर्षीय राकेश सिंह, जो दिल्ली में नौकरी करते हैं, कहते हैं कि गोचर, करणप्रयाग, गैरसैंण सहित कई स्थानों पर रिश्ते देखे गए, मगर सड़क न होने के कारण सबने हाथ पीछे खींच लिया।

ग्रामीणों की वर्षों से मांग—कब बनेगी सड़क?

ग्रामीण पंचम सिंह कहते हैं कि उनके बेटे के कई रिश्ते सिर्फ इसलिए टूट गए क्योंकि गांव तक पहुंचने का रास्ता बेहद कठिन है। गांव से मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए 5 किलोमीटर तीखी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है।

जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र सिंह बताते हैं कि सड़क की मांग को जिला स्तर पर कई बार उठाया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला।

सरकार का दावा—पीएमजीएसवाई फेज-4 में भेजा गया प्रस्ताव

थराली विधायक भूपाल राम टमटा के अनुसार, बड़कोट गांव की सड़क के लिए प्रस्ताव पीएमजीएसवाई चरण-4 में भेजा गया है और स्वीकृति भी मिल चुकी है। सड़क के लिए डीपीआर तैयार होने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि क्षेत्र की अन्य सड़कों पर भी तेजी से काम किया जा रहा है।

बड़कोट गांव की सड़क न होने का दर्द सिर्फ मुश्किल भरे सफर का नहीं, बल्कि युवाओं की अधूरी जिंदगी और टूटते रिश्तों का भी है। गांव की सड़क बनने से न सिर्फ यातायात की समस्या दूर होगी, बल्कि युवाओं की शादी की राह भी आसान हो जाएगी।

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