
पुलवामा/नई दिल्ली: दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के कोइल गांव में सनसनी फैल गई है। यहां के प्रमुख चिकित्सक डॉ. उमर नबी का नाम दिल्ली के लाल किले के पास हुई कार धमाके की जांच में सामने आया है। आरोप है कि डॉ. उमर ने मानव बम बनकर विस्फोट किया। यह खबर पूरे इलाके में disbelief और हैरानी का कारण बनी हुई है।
डॉ. उमर नबी 29 वर्ष के हैं और कोइल गांव की शांत गलियों में उनका दो मंज़िला घर है। पुलिस ने विस्फोट में मिले अवशेषों से मेल खाने के लिए उनके डीएनए सैंपल लिए।
बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड
कश्मीर घाटी के संवेदनशील जिले में जन्मे डॉ. उमर का शैक्षणिक और पेशेवर रिकॉर्ड बेदाग रहा है। उन्होंने प्रतिष्ठित सरकारी मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर से MBBS और MD की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे श्रीनगर के SMHS अस्पताल और GMC अनंतनाग में काम कर चुके हैं। फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में उनका योगदान भी उल्लेखनीय रहा।
घर लौटने की बात कही थी
रिश्तेदारों के अनुसार, डॉ. उमर ने शुक्रवार को अपने परिवार से आखिरी बार बात की थी और तीन दिन बाद घर आने की बात कही थी। उनके परिवार ने उसकी वापसी की उम्मीद की थी, लेकिन वह अचानक आतंकवादी साजिश में शामिल हो गया।
टीचर पिता की मेहनत और डॉक्टर बनने की कहानी
डॉ. उमर के पिता एक शिक्षक थे और उन्होंने अपने बेटे को डॉक्टर बनाने के लिए कठिन मेहनत की। उन्होंने उसे अच्छे संस्कार और शिक्षा दी। उमर की भाभी मुज़म्मिला अख्तर के अनुसार, वह पूरे इलाके के लिए प्रेरणा थे और घर का मुख्य कमाने वाला भी। उनकी सगाई श्रीनगर की एक अन्य डॉक्टर से हुई थी, जो यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं।
दिल्ली-फरीदाबाद जांच में डॉक्टरों की गिरफ्तारी
कोइल गांव में दिनभर कामकाज चलता रहा, लेकिन टीवी और सोशल मीडिया पर दिल्ली-फरीदाबाद आतंकवादी जांच की खबरों ने लोगों का ध्यान खींचा। पुलिस ने उमर के अलावा फरीदाबाद में डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई, कुलगाम के अदील मजीद राथर और सज्जाद मलिक को हिरासत में लिया। इस तरह इस मामले में कुल चार कश्मीर के डॉक्टर जांच के दायरे में हैं।
डॉ. उमर और अन्य डॉक्टरों के आतंकवादी बनने की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। परिवार और मोहल्ले वाले इस बदलाव पर स्तब्ध हैं। अधिकारियों ने कहा है कि मामले की विस्तृत और निष्पक्ष जांच जारी है।