जयपुर की जयबाण तोप: एक गोला लाहौर तक पहुंचाने की शक्ति रखने वाला ‘विजय का अस्त्र’
सुधेंद्र प्रताप सिंह, जयपुर: भारत के इतिहास में कई भव्य हथियार रहे हैं, लेकिन जयपुर की जयबाण तोप किसी भी युद्धप्रेमी को चौंका सकती है। राजा जयसिंह द्वितीय ने 1720 में जयगढ़ किले के कारखाने में इस तोप का निर्माण करवाया था। इसकी मारक क्षमता 35 किलोमीटर से भी अधिक है। यदि इसे वाघा बॉर्डर पर तैनात कर चलाया जाए, तो इसका गोला आसानी से लाहौर तक पहुँच सकता है।
जयबाण का नाम और महत्व:जयबाण का अर्थ है ‘विजय का अस्त्र’। यह तोप नाहरगढ़ किले में स्थित है और इसे मुगलों और संभावित शत्रुओं से सुरक्षा के लिए बनाया गया था। 20 फीट लंबी और 8 फीट 7.5 इंच व्यास वाली इस तोप का वजन 50 टन है। इसे चलाने के लिए लगभग 100 किलोग्राम बारूद की जरूरत पड़ती थी। इस विशाल तोप से 35 किलो ग्राम वजनी गोले को 35 किलोमीटर दूर तक फेंका जा सकता था, जो उस समय की सबसे लंबी फायरिंग रेंज मानी जाती थी।
इतिहास में सिर्फ एक बार चली ज...









